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[Hindi] - Emotions Par Jeet (Hindi): Dukhad Bhavanao Se Mulakat Kaise Karen
अपनी भावनाओं को दुश्मन नहीं, दोस्त बनाने के लिए पढ़ें… - दुःखद भावनाओं से मुक्ति का मार्ग - क्या रोना अच्छा है या कमज़ोरी है - असुरक्षा की भावना से मुक्ति कैसे मिले - भावनाओं को मुक्त करने के चार योग्य तरीके - भावनाओं से मुलाकात करने के चार उच्चतम तरीके - भावनाओं को अभिव्यक्त करने के सच्चे तरीके आपका इमोशनल कोशंट -एट- कितना है? क्या आपसे किसी ने उपरोक्त सवाल पूछा है? आज लोग आय.क्यू. का महत्त्व तो समझते हैं परंतु इ.क्यू. (इमोशनल कोशंट) का महत्त्व उससे अधिक है, यह कम लोग जानते हैं। भावनाओं से जूझ रहे इंसान के पास यदि ‘इ.क्यू.’ है तो वह जीवन की हर बाज़ी को पलट सकता है। परंतु यदि उसके पास इ.क्यू. नहीं है और केवल आय.क्यू. है तो उस कार्य को कर पाना उसके लिए मुश्किल हो सकता है। इसी लिए भावनात्मक परिपक्वता पाना महत्त्वपूर्ण है।
Sirshree (Author), Leena Bhandari (Narrator)
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[Hindi] - MRITYU UPARANT JEEVAN (HINDI): MAHA JEEVAN
यह पुस्तक आपको न सिर्फ मृत्यु का दर्शन करवाती है बल्कि मृत्यु और मृत्यु उपरांत जीवन इस विषय पर समझ भी प्रदान करती है। मृत्यु एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में हर इंसान के मन में कई तरह के सवाल होते हैं और वे सवाल न सुलझने की वजह से वह हमेशा डर-डरकर जीवन जीता है। उसे इस विषय के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं होता और वह कभी इस बारे में खोज करने की कोशिश भी नहीं करता। बचपन से जो मान्यताएँ उसके मन में डाल दी गई हैं, वह उन्हीं मान्यताओं के आधार पर कई बातें मानकर और डर-डरकर जीवन जीता है। प्रस्तुत पुस्तक से मृत्यु की सही समझ पाकर महाजीवन की यात्रा का शुभारंभ करें। Tags: Sirshree, insights on life after death, Happy Thoughts, mortality, Tejgyan perspective on the afterlife, WOW Publishings spiritual books, Understanding the concept of death, Overcoming the fear of death, Exploring life beyond mortality, Nurturing a positive outlook on life, Journey of self-discovery after death, Breaking free from childhood beliefs about mortality
Sirshree (Author), Vrushali Patvardhan (Narrator)
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[Marathi] - AALSAVAR MAAT (MARATHI EDITION): UTSAHI JIVNACHI SURUVAT
सुस्तीपासून मुक्ती मिळवण्यात कधीच सुस्ती करू नका… माणसाच्या शरीरासाठी तमोगुण काही प्रमाणात आवश्यक आहेच, पण याचा अतिरेक मात्र त्याच्या अभिव्यक्तीसाठी अडथळा बनतो. आळस हा असा विकार आहे, जो माणसाच्या सर्व सद्गुणांना झाकोळून टाकतो. या विकाराच्या प्रभावात आल्यामुळं एक सर्वोत्तम कलाकार, रचनाकार किंवा कुठलीही यशस्वी व्यक्ती आयुष्यभर अपयशालाच बळी पडते. हे पुस्तक आहे तुमच्या अंतर्यामी दडलेल्या सर्वांत मोठ्या शत्रूविरुद्ध तुम्हाला चेतवण्यासाठी. या शत्रूला वेळीच ओळखून अंतर्यामी शोध घ्या आणि त्यातून मुक्त व्हा. या उच्च कार्यासाठी प्रस्तुत पुस्तकात तुम्हाला मिळतील – 7 संकेत, 7 पावलं, 7 दिशा आणि 13 उपाय. प्रस्तुत पुस्तक “हत्यार’ आहे आळसरूपी शत्रूला कायमचं दूर पळवण्यासाठी. चला तर मग, सुस्तीपासून मुक्ती मिळवण्यासाठी सुस्ती न करता या पुस्तकाचा लाभ घेऊया… सुस्तीवर करूया मात, मग बघा कशी होईल उत्साही जीवनाची सुरुवात… # Tags - Laziness - Overcoming laziness - Inner motivation - Self-improvement - Personal development - Life improvement - Positive thinking - Actionable advice
Sirshree (Author), Harsshit Abhiraj (Narrator)
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THE SOURCE OF SILENCE: JOURNEY INWARD TO THE TRUE SELF
The Source of Silence Most people engage in worldly pursuits in their attempt to feel completeness. But they continue to feel a void within. They wonder what that ultimate state could be where one experiences total freedom and fulfilment. Some others pursue various spiritual practices in this quest but experience only momentary peace. They long to experience it permanently. This book provides the roadmap for both! It guides you step-by-step towards discovering the supreme state of Silence within you. It charts the journey from worldly illusion to the Silence within, from false happiness to true eternal bliss, from a lower level to the highest level of consciousness. Embark on this ultimate journey of discovering who-you-truly-are. Experience and abide in the Source of Silence, after which nothing more needs to be known or attained!
Sirshree (Author), Ravinderr Singh (Narrator)
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Icchashakti (Hindi edition): Will Power Ka Chamatkar
अपनी इच्छाशक्ति को कैसे जगाएँ * क्या आप हर साल की शुरुआत में संकल्प लेकर उसे पूरा करना चाहते हैं? * क्या आप गलत आदतों से छूटकारा पाकर, स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं? * क्या आप अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहते हैं? * क्या आप क्षणिक मोह में फँसकर अनावश्यक चीज़ें खरीदने से बचना चाहते हैं? यदि ‘हाँ’ तो इस पुस्तक की मदद से अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाएँ। इंसान की चाहत बुलंद है तो उसे कहीं न कहीं से रास्ता मिल ही जाता है। अन्यथा वह बहानों में बहकर अपनी इच्छाशक्ति को कमज़ोर बना देता है। जैसे कई बार पता होने के बावजूद कि सेहत का खयाल रखना आवश्यक है, इंसान उट-पटांग चीजें खा लेता है और बहाने देता है कि ‘फलाँ ने बहुत जबरदस्ती की...’ या ‘खाना फेंकना सही नहीं है इसलिए खा लिया...’ आदि। ऐसे में उसे समझना होगा कि ‘कहीं यह बहाने तो नहीं हैं... असल में मेरी इच्छाशक्ति कमजोर तो नहीं।’ तो आइए, इस पुस्तक द्वारा जानें अपनी इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाने के आसान उपाय क्योंकि इच्छाशक्ति वह साधन है, जिसके ज़रिए आप अपने जीवन में आश्चर्यजनक परिणाम पा सकते हैं।
Sirshree (Author), Rajesh Bathija, Ravinder Singh (Narrator)
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Sabse Badi Daulat Chetanashakti (Hindi edition)
बेहतरीन जीवन जीने की कला या प्रयास जीने के लिए तो हर कोई जीता है लेकिन एक जीवन ऐसा भी होता है, जो हमें ऊँचाइयों की ओर ले जाता है। एक सात मंज़िली ऊँची बिल्डिंग में पहली मंज़िल पर रहनेवाला इंसान वह नहीं देख पाता, जो सातवीं मंज़िल पर रहनेवाला देख पाता है। समझ (चेतना) के साथ भी ऐसा ही होता है। जैसी हमारी समझ होती है, दुनिया वैसी ही दिखाई देती है। यदि यकीन न हो तो पुस्तक के मुख्यपृष्ठ और इसी पृष्ठ पर ऊपर दिए गए चित्र को गौर से देखें। हर किसी को उसकी चेतना अनुसार चित्र में अलग-अलग आकार और रूप दिखाई देंगे। आगे जैसे-जैसे समझ बढ़ती जाती है, वैसे ही जीवन को देखने का दृष्टिकोण भी बदलते जाता है। इसलिए इस समय आपकी चेतना किसी भी स्तर पर हो, उसे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि यही प्रयास आपको बेहतर जीवन की ओर ले जाएगा। क्या आप बेहतरीन और सच्चा जीवन जीना चाहते हैं? अगर ‘हाँ’ तो इस पुस्तक में आप चेतना क्या है और चेतनाशक्ति बढ़ाने के तरीके क्या हैं, ये जान लें। ये तरीके रोज़मर्रा के जीवन में आपके काम आऍँगे और आपके जीवन को बेहतर बनाकर, सच्चा सुख देंगे।
Sirshree (Author), Pallavi Chaudhari (Narrator)
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Meera (Original recording, The - voice of Sirshree): Bhakti ka Himalaya
भक्ति को मिली मंज़िल 'द मीरा' यह ऑडियो बुक सरश्री की मूल आवाज में बनाई गई है। इसे सुनकर निश्चित ही आप भक्तिमय अनुभव प्राप्त करेंगे। मीरा कही-सुनी कहानी नहीं बल्कि एक हकीकत है। भक्ति की शक्ति को यदि आकार देना हो तो मीरा का चेहरा, मीरा की भाव मुद्रा और मीरा का तंबूरा (एकतारा) सामने आता है। मीरा की ऐसी प्रतिमा सहज ही आपकी आँखों के सामने आती है लेकिन मीरा इस प्रतिमा से बहुत आगे निकल गई है। इस ऑडियो बुक द्वारा आप मीरा की अवस्था को न भी समझ पाएँ लेकिन इसे सुनकर भक्ति की एक किरण ज़रूर प्राप्त कर सकते हैं। मीरा का शाब्दिक अर्थ भक्ति नहीं है लेकिन मीरा शब्द से भक्ति ही याद आती है इसलिए भक्ति का दूसरा नाम मीरा है। इस ऑडियो बुक में भक्त मीरा के जीवन की विविध घटनाओं का वर्णन किया गया है तथा इन घटनाओं के प्रति हमारी समझ क्या हो, इस पर रोशनी डाली गई है। इसके अतिरिक्त इस ऑडियो बुक से आप जानेंगे ः * भाव के प्रभाव का महत्त्व क्या है * मीरा का स्वसंवाद, स्वर और स्वसेवा कैसी थी * स्वयं पर होनेवाले अत्याचार के प्रति, मीरा का प्रतिसाद कैसा था * मीरा की गुरुभक्ति कैसी थी * मीरा के विवाह के चार कारण क्या थे * मीरा के जीवन में हर अत्याचार वरदान कैसे बना * मीरा की उपस्थिति का लाभ औरों को कैसे होता था * जीवन में आनेवाली समस्याओं को मीरा किस नज़र से देखती थी
Sirshree (Author), Bharati Masurkar, Sirshree (Narrator)
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[Hindi] - Bhagwan Buddha (Original recording - voice of Sirshree): Buddhi ka uchhatam vikas
मन और बुद्धि के पार - परम बोध यात्रा 'भगवान बुद्ध' यह ऑडियो बुक प्रत्यक्ष सरश्री जी की आवाज में और उसी अवस्था से बताई गई है, जिसे बुद्धत्व कहा जाता है। इसे सुनकर निश्चित ही आप मन और बुद्धि के पार परम बोध की अवस्था का अनुभव करेंगे और जीवन के हर दुःख से मुक्त हो जाएँगे। जो बुद्धि बोध तक ले जाए वही सम्यक बुद्धि, तेज बुद्धि है। बोध यानी समझ, अण्डरस्टैण्डिंग। इस बोध के बाद ही बुद्धत्व प्राप्त किया जा सकता है। 'बुद्ध' कोई नाम या उपनाम नहीं है बल्कि बुद्ध नाम है, उस अवस्था का, जहाँ इंसान यह जान गया है कि 'वह कौन है।' इस अवस्था को कोई भी नाम दिया जा सकता है, जैसे- गुरु नानक, मीरा, संत ज्ञानेश्वर, रामकृष्ण परमहंस, रमण महर्षि, एकनाथ, संत तुकाराम इत्यादि लेकिन सभी में अनुभव एक ही है। वह अनुभव प्राप्त करना ही अध्यात्म है, बुद्धत्व है। भगवान बुद्ध ने लोगों को दुःख का साक्षात्कार करवाया लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें दुःखवादी समझा। बुद्धि का बिना उपयोग किए यदि कोई यह समझ ले तो वह भगवान बुद्ध के उपदेशों से वंचित रह जाएगा, बुद्धि का उच्चतम विकास नहीं कर पाएगा। भगवान बुद्ध ने अपने सम्यक ज्ञान से लोगों की मन:स्थिति देखकर उपदेश बताए। जिन लोगों ने उन्हें ध्यान से सुना, समझा, उन्होंने बुद्ध बोध का पूर्ण लाभ उठाया लेकिन जिन लोगों ने भगवान बुद्ध के केवल शब्द सुनें, वे अपनी मूर्खताओं में लगे रहें। यदि आपने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का असली अर्थ समझ लिया तो यह ऑडियो बुक बोध प्राप्ति के लिए यानी असली सत्य तक पहुँचने के लिए सरल मार्ग बन सकती है। बोध प्राप्ती की इस यात्रा में आप जानेंगे - * सिद्धार्थ कब और क्यों गौतम (खोजी) बने * गौतम की बोध प्राप्ति की यात्रा कैसे सफल बनी * भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को कौन सी शिक्षाएँ प्रदान कीं * भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग * भगवान बुद्ध की दस पारमिताएँ * भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को कौन से सम्यक व्यायाम बताएँ
Sirshree (Author), Bharati Masurkar, Pallavi Chaudhari, Sirshree (Narrator)
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Aanandi Manasathi (Marathi edition): Man Trast Karat Asel Tar Kay Karal
वैरी मनाला मित्र कसे बनवाल आजच्या तांत्रिक युगात अलेक्सा, सिरी, गुगल असिस्टंट अशा बोलणार्या मशीनद्वारे लोक गाणी, बातम्या, एखाद्याशी फोनवर बोलणे किंवा मेसेज पाठवणे अशी कार्यं सहजतया करू शकतात. पण समजा, या उपकरणात काही बिघाड झाला आणि ते सांगितलेल्या कार्यांव्यतिरिक्त इतर काहीतरी करू लागले, चुकीच्या बातम्या सांगू लागले तर काय म्हणाल? ‘तुला जितकं सांगितलंय ना तितकंच तू कर... तुला माझ्यासाठी बनवलंय, मी तुझ्यासाठी नाहीये...’ समजलं? मन असं बोलणारं मशीन आहे, ज्याचा रिमोट मनुष्याच्या हातात आहे, परंतु तो मनाचं ऐकण्यातच मग्न राहतो. त्यामुळे मन मनुष्याची सेवा करण्याऐवजी एखाद्या वैर्याप्रमाणे त्यालाच आपली सेवा करायला भाग पाडतं, बोटांच्या इशार्यावर नाचवतं. मात्र प्रस्तुत पुस्तकात तुम्हाला असे उपाय मिळणार आहेत, ज्याने तुमचं मन एक जिवलग मित्र बनून सदैव तुमच्या सेवेत तत्पर राहील. बघू या ते उपाय... * कोणते प्रश्न विचारल्याने मन शांत होईल? * कोणते विचार केल्याने मन शांत राहील? * कोणते प्रशिक्षण मिळाल्याने मन समग्र होईल? * मनाच्या विचार चक्राची दिशा कशी बदलावी? * मनाला आठवणीतून मुक्त कसे करावे? * मनातील मूळ विचार (कोर थॉट) कसे ओळखाल? * सत्य विचारांनाच प्राधान्य कसं द्याल? * नात्यामुळे मन त्रस्त होत असेल तर काय कराल? * मनातील भावनांकडे कसे बघाल? * मनामुळे त्रस्त होत असाल, तर त्यातून मुक्त होण्याचा अंतिम उपाय कोणता?
Sirshree (Author), Pallavi Chaudhari (Narrator)
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What To Do When The Mind Troubles You: Encountering the mind instead of escaping it
Most people feel uncomfortable to confront their mind when it is in troubled state. They try to escape stress, anxiety and despair by finding solace in sensory distractions. However, soon they find themselves in the same issues again. They vacillate between temporary pleasure and sorrow. Written in simple language and replete with powerful techniques and everyday examples, this book provides practical tips that help you gain control over your mind, pull it out of the spiral of negative thinking and re-establish the natural state of peace, poise and joy. Read this book to emerge a winner by encountering the troubled mind instead of escaping it.
Sirshree (Author), Rajesh Bathija (Narrator)
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Mann Sataye To Kya Kare (Hindi edition): Mann se mann dwara mukti ke 7 upaay
दुश्मन मन को मित्र कैसे बनाएँ आज तकनीकी विकास के साथ बनी बोलनेवाली मशीन जैसे अलेक्सा, सीरी, गुगल असिस्टंट द्वारा लोग कोई गाना या न्यूज चलाना, किसी को फोन लगाना या मेसेज भेजना आदि कार्य आसानी से कर पाते हैं। मान लें, यदि ये उपकरण बिगड़ जाएँ और बताए गए कार्य के बजाय कुछ और ही करने लगें, खुद ही आपको कुछ गलत समाचार सुनाने लगें, आपको परेशान करने लगें तो आप उसे क्या कहेंगे? आप कहेंगे, ‘जितना बताया, उतना ही करो। तुम मेरे लिए बनाए गए हो, मैं तुम्हारे लिए नहीं।’ मन ऐसी ही बोलनेवाली मशीन है, जिसका रिमोट इंसान के हाथ में है। मगर वह मन की बातों में आ जाता है। मन उसकी सेवा करने के बजाय दुश्मन की तरह, इंसान को ही अपनी सेवा में लगाता है और उसे अपनी ऊँगलियों पर नचाता है। इस पुस्तक में पढ़ें ऐसे उपाय, जिससे आपका मन एक अच्छा मित्र बनकर सदैव आपकी सेवा में तत्पर रहे। * क्या पूछने से मन चुप होगा * क्या सोचने से मन शांत होगा * कौन सा प्रशिक्षण पाकर मन समभाव में रहेगा * मन के विचार चक्र की दिशा कैसे बदलें * मन को यादों से खाली कैसे करें * मन के कोर थॉटस् कैसे पहचानें * सच्चाई को अपना कोर थॉट कैसे बनाएँ * रिश्तों में मन सताए तो क्या करें, क्या न करें * मन में भरी भावनाओं को कैसे देखें * मन के सताने से मुक्ति पाने का आखिरी उपाय क्या है
Sirshree (Author), Pallavi Chaudhari (Narrator)
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Alasya Se Mukti Ke Naye Kadam (Hindi edition)
आलस्य के चक्रव्यूह का तोड़ इंसान की असफलता के पीछे जिस विकार का सबसे बड़ा हाथ होता है, वह है ‘आलस्य’ जिसे तमोगुण, सुस्ती, अति निद्रा, तंद्रा भी कहा गया है। आलस्य बढ़ने पर हमारे भीतर कुछ अतिरिक्त विकार भी प्रवेश कर जाते हैं। जैसे बात-बात पर झूठ बोलना, आराम में व्यवधान पड़ने पर क्रोध, चिड़चिड़ापन आना, शरीर का निष्क्रिय होकर बीमारियों से घिर जाना, समय से काम पूरे न होने पर असफलताओं का मिलना, जिस कारण दुःख और दरिद्रता का चक्रव्यूह शुरू हो जाता है। इस पुस्तक में सुुस्ती के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए क्रमबद्ध कदमों में मार्गदर्शन दिया गया है। एक-एक कदम उठाने से सुस्ती की वृत्ति रूपी दीवार पर कड़े प्रहार होंगे और लगातार प्रहार से यह दीवार बिखर जाएगी। इस पुस्तक का यही उद्देश्य है कि आपके भीतर छिपकर बैठा तमोगुण प्रकाश में आए। आप इसे और इसके दुष्प्रभावों को जानकर, इससे मुक्त होने के लिए प्रभावित हों। यह पुस्तक आपको इसकी सरल तकनीकें बताती है- * अपनी ऊर्जा कैसे बढ़ाई जाए * आप आलसी हैं या अप्रेरित, यह कैसे जाना जाए * सुस्ती को चुस्ती में कैसे बदला जाए * नापसंद, मुश्किल, बोरिंग व समय न मिलनेवाले कामों को कैसे पूरा किया जाए * हर काम को कैसे पूरा किया जाए * मन की आदतों को कैसे बदला जाए * सुबह जल्दी उठने के ६ अचूक उपायों का उपयोग कैसे किया जाए
Sirshree (Author), Vrushali Patvardhan (Narrator)
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